बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाएं-
बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं को पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने 'आधुनिक भारत के मन्दिर' कहा था। इन परियोजनाओं के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- सिंचाई तथा भूमि का वैज्ञानिक उपयोग,
- विद्युत् उत्पादन,
- बाढ़ नियन्त्रण,
- घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए जल प्राप्ति,
- कृत्रिम जलाशयों में मछली पालन एवं आमोद-प्रमोद के साधनों का विकास,
- वृक्षारोपण, ईंधन का प्रबन्ध तथा वन संरक्षण,
- पशु चारे की व्यवस्था एवं चरागाहों का विकास,
- सूखे के समय जल की सुविधा,
- भूमि अपरदन नियन्त्रण, और
- क्षेत्रीय आर्थिक विकास।
वृहत् सिंचाई परियोजनाएं
जिन परियोजनाओं में दस हजार हैक्टेअर से अधिक कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई होती हैं, उन्हें वृहत् सिंचाई परियोजनाएं कहते हैं।
मंझोली अथवा मध्यम सिंचाई परियोजनाएं
जिन सिंचाई परियोजनाओं में दो हजार से दस हजार हैक्टेअर तक कृषि योग्य भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है, उन्हें मंझोली सिंचाई परियोजनाएं कहते हैं।